हिजाब कंट्रोवर्सी में फंसी डॉक्टर नुसरत परवीण को झारखंड सरकार ने दिया बड़ा ऑफर, 3 लाख सैलरी और फ्लैट का वादा!

बिहार में महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ हुए विवाद के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें सम्मान, सुरक्षा और 3 लाख रुपये मासिक वेतन के साथ नौकरी का प्रस्ताव दिया है. यह कदम न सिर्फ एक डॉक्टर के समर्थन में उठाया गया फैसला है, बल्कि सार्वजनिक जीवन में महिला सम्मान और संवेदनशीलता को लेकर एक मजबूत संदेश भी देता है.

बिहार का बुर्खा कांट्रोवर्सी
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बिहार में महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ मंच पर जो हुआ उसने सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि पूरे देश को असहज कर दिया है अब इस मामले में झारखंड से एक ऐसा कदम सामने आया है, जिसने सियासी हलकों के साथ-साथ आम लोगों का भी ध्यान खींच लिया है. 

झारखंड सरकार ने डॉ. नुसरत परवीन को राज्य की स्वास्थ्य सेवा में नौकरी देने का प्रस्ताव रखा है वो भी पूरी इज्जत, सुरक्षा और बेहतर सुविधाओं के साथ.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने खुद सामने आकर यह पेशकश की है. उन्होंने कहा है कि डॉक्टर नुसरत परवीन को झारखंड में तीन लाख रुपये महीने की सैलरी, उनकी पसंद की पोस्टिंग, सरकारी घर और पूरी सुरक्षा दी जाएगी. इतना ही नहीं, नियुक्ति का प्रोसेस भी सीएम हेमंत सोरेन के स्तर पर कराई जाएगी ताकि उन्हें किसी भी तरह की असहजता या असुरक्षा महसूस न हो.

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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा

डॉ. इरफान अंसारी ने इस मुद्दे पर बेहद साफ और भावुक लहजे में बात की. उन्होंने कहा कि वह पहले डॉक्टर हैं बाद में मंत्री.  किसी महिला, बेटी या डॉक्टर के सम्मान से समझौता झारखंड में नहीं किया जा सकता. उनके मुताबिक, बिहार में जो घटना हुई, वह सिर्फ एक डॉक्टर के साथ बदसलूकी नहीं थी, बल्कि इंसानियत और गरिमा पर सीधा हमला था. 

उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल पेशे से जुड़े लोग इस घटना से गहराई से आहत हैं और वे समझ सकते हैं कि पीड़ित और उसका परिवार किस दौर से गुजर रहा होगा. 

क्या है पूरा मामला 

दरअसल, पूरा विवाद 15 दिसंबर का है. पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र बांट रहे थे. इसी दौरान आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब सार्वजनिक मंच पर हटाया गया. यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई. जैसे ही वीडियो सामने आया, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं और मामला देश-विदेश तक पहुंच गया.

विपक्ष ने साधा निशाना

इस घटना को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा. कांग्रेस, आरजेडी सहित कई दलों ने इसे महिला की गरिमा का अपमान बताया और मुख्यमंत्री के व्यवहार पर सवाल उठाए. 

शुरुआत में ऐसी खबरें आईं कि डॉ. नुसरत परवीन इस घटना से आहत होकर नौकरी नहीं लेंगी. हालांकि बाद में 20 दिसंबर को आधिकारिक सूत्रों ने साफ कर दिया कि वह सरकारी तिब्बी कॉलेज में अपनी पोस्ट जॉइन करेंगी.

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सार्वजनिक मंचों पर बैठे जिम्मेदार लोगों का व्यवहार कितना संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए. वहीं झारखंड सरकार का यह कदम कई लोगों की नजर में सिर्फ एक नौकरी का ऑफर नहीं, बल्कि महिला सम्मान को लेकर एक मजबूत संदेश माना जा रहा है.

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